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‘क्रेच पॉलिसी’ लाने वाला देश का प्रथम राज्य बना Haryana,Creche Policy update

कर्मियों को 7500 रुपए की राशि हर महीने  देने की योजना बनाई  है।

Chandigarh: क्रेच पॉलिसी (Creche Policy) उन सभी बच्चों के लिए लाई गई है, जिनकी माताएं कामकाजी हैं। व्यवसायिक महिलाओं के 6 महीने से 6 साल तक के बच्चे लगभग 10 घंटे तक क्रेच में रह सकते हैं।क्रेच पॉलिसी के अनुसार क्रेच वर्कर15 हजार तथा सहायिका को 7500 रुपए तक की आय प्रदान की जाएगी प्रदेश में 16 जिलों में 165 क्रेच चालू है तथा 500 ने क्रेच खोलने का लक्ष्य है। इससे कामकाजी महिलाओं के बच्चों का भी पालन पोषण स्वस्थ तरीके से कराया जाएगा। साथ ही रोजगारके नए अवसर भी लोगों को प्राप्त होंगे।

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क्रेच पॉलिसी (Creche Policy)

इस पॉलिसी के अंतर्गत सरकार  या किसी संस्था द्वारा ऐसी जगह को तैयार  किया जाता है जिसमे 6 महीने से 6 साल तक के बच्चों का  रख – रखाव किया जा सके। इन केंद्रों पर बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है। इसके साथ ही खाने- पीने का भी ध्यान रखा जाता है। हरियाणा  क्रेच पालिसी को लागु करने वाला देश का पहले राज्य बन गया है। इस पॉलिसी का ज्यादा लाभ उन माता- पिता को होगा जिन्हे घर से बहार काम  करने के लिए जाना पड़ता है। ऐसे में माँ -बाप दिन के समय में अपने बच्चो को क्रेच केन्द्रो में छोड़ सकते है।

मिलेंगे रोज़गार के अवसर

सरकार क्रेच पॉलिसी केन्द्रो पर बेहतर से बेहतर सुविधा उपलब्ध करने की दिशा में काम कर  रही है। ऐसे में बच्चों की सही से  देखभाल के लिए स्टाफ की आवश्यकता पड़ेगी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने  क्रेच कर्मियों को 15 हज़ार तथा उनके सहायक कर्मियों को 7500 रुपए की राशि हर महीने  देने की योजना बनाई  है।

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पॉलिसी के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाएं

1. बच्चों के खेलने के सामान व खिलौनों के साथ-साथ पौष्टिक भोजन भी उपलब्ध कराया जाएगा ताकि बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव ना पड़े।
2. 50 से अधिक कर्मचारी वाले सभी संस्थानों में क्रेच खोलना अनिवार्य होगा।
3. कामकाजी महिलाओं के बच्चे 8 से 10 घंटे तक क्रेच में रह सकेंगे। जिनकी आयु सीमा 6 महीने से 6 वर्ष होगी।
4. क्रेच में नियमित स्वास्थ्य जांच कराई जाएगी ।टीकाकरण भी कराया जाएगा।
5. बच्चों के सोने की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी ताकि बच्चों को किसी प्रकार की समस्या ना हो।
6. खेलकूद के साथ शिक्षा व शारीरिक-सामाजिक तथा मानसिक विकास के लिए भी किए जाएंगे विशेष इंतजाम।

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