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Eye Flu : जानिए Eye Flu के ज़्यादातर केस दिल्ली और हरियाणा से ही क्यू आ रहे है…

दिल्ली व हरियाणा में ही  क्यों ज्यादा बढ़ रहे है आईफ्लू के मरीज

दिल्ली व हरियाणा व उसके आसपास के लगे क्षेत्रों में आई फ्लू के मरीज बहुत अधिक संख्या में बढ़ रहे हैं क्योंकि इस वर्ष मानसून के मौसम में बारिश बहुत अधिक होने के कारण वहाँ जगह जगह पर पानी भर गया है जिसके परिणाम स्वरुप संक्रमण से होने वाली बीमारियों की संभावना बढ़ गई।  अधिक बारिश होने की वजह से ही eye  flu का  संक्रमण  इतनी तेज़  गति से फैल रहा है।  इसी वजह से वहाँ के लोगों में इस संक्रमण के होने के आसार बहुत ज्यादा है। हरियाणा के पानीपत के सिविल अस्पताल में 70-80 प्रतिशत मरीज आई फ्लू के ही आ रहे हैं। लोगों को बाढ़ के पानी से बचाव करना चाहिए जिससे कि वे आई फ्लू से भी बच सके।

क्या है आई फ्लू

वैसे तो इसके नाम से ही समझा जा सकता है कि यह हमारे शरीर के आवश्यक अंग यानी कि आंखो में होने वाला एक संक्रमण है किंतु यदि इसको विस्तार से समझा जाए तो हमें पता चलता है कि यह एक ऐसा संक्रमण है जिससे कि हमारी पलकों के नीचे की त्वचा और आंख के अंदर के सफेद भाग पर सूजन आ जाती है। इस संक्रमण को पिंक आई के नाम से भी जाना जाता है। इस संक्रमण का सही नाम कंजंक्टीवाइटिस है।

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इस संक्रमण को पिंक आई का नाम क्यों दिया गया

इस संक्रमण को पिंक आई का नाम इसलिए दिया गया, क्योंकि जब किसी व्यक्ति को ये संक्रमण होता है तो उस व्यक्ति के आंख के पलकों की नीचे की त्वचा, अंदर का सफेद भाग तथा आंख के आस पास का भाग गुलाबी या लाल रंग का हो जाता है, तथा उसकी आंख पर सूजन आ जाती है। जिस कारण वह गुलाबी रंग की दिखाई देती है।

क्यों बढ़ रहा आई फ्लू

मॉनसून के मौसम में इस तरह के संक्रमण होना आम बात इसलिए हो जाती है। क्योंकि बारिश का पानी पूरी तरह से साफ नहीं होता है। जिस कारण उसमें बहुत से बैक्टीरिया और वायरस होते हैं। जो हमारे शरीर पर आने के बाद हमें अनेक प्रकार से नुकसान पहुंचा सकते हैं। यही कारण है कि बारिश के मौसम में हमें आई फ्लू जैसे अनेक प्रकार के संक्रमणों से बचकर रहना चाहिए। यह संक्रमण बहुत खतरनाक भी हो सकते है। बारिश का पानी जब हमारी आंखो में जाता है तो उसमें बहुत से बैक्टीरिया भी होते हैं।  जो हमारी आंखो में प्रवेश कर जाते हैं जिस कारण हमें इस संक्रमण होने की संभावना और ज्यादा बढ़ जाती है।  इस वर्ष यह संक्रमण इतना ज्यादा इसलिए हो रहा है क्योंकि बारिश बहुत ज्यादा होने के कारण जगह जगह पर बाढ़ जैसा माहौल बन गया है।  जिस कारण उस पानी में और ज्यादा बैक्टीरिया मौजूद है और व्यक्ति जब उस पानी में भीग जाता है और वह उन्हीं हाथों से अपने आंखो को स्पर्श करता है तो वो बैक्टीरिया भी उनकी आँखों में प्रवेश कर जाते हैं जिस कारण उनको यह संक्रमण हो जाता है।

आई फ्लू के लक्षण

आई फ्लू के लक्षण अनेक हैं जिनसे उसकी पहचान की जा सकती है। जैसे कि आँखों में लालपन आना, सूजन आना, आँखों में खुजली व जलन होना, आँखों से सफेद चिपचिपा पदार्थ निकलना तथा सामान्य से अधिक आंसुओं का आना।

बचने के उपाय

आई फ्लू से बचाव हेतु हमें कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सर्वप्रथम हमें स्वच्छता पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। अपने हाथों व पैरों को बार बार धोना चाहिए। गंदे हाथ आँखों में लगने के कारण ही इस संक्रमण के होने के आसार बढ़ जाते हैं। इसलिए हमें अपने हाथों को स्वच्छ रखना चाहिए। वे व्यक्ति जो ब्यूटी प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करते हैं उनको अपने प्रोडक्ट्स दूसरों के साथ साझा नहीं करने चाहिए तथा अपने निजी वस्तुओं व तौलिये को भी दूसरों के साथ साझा नहीं करना चाहिए।अपने कपड़ों तथा तौलिये को भी साफ करके ही इस्तेमाल में लाना चाहिए।

आई फ्लू संक्रमण से स्वस्थ होने में कितना समय लगता है 

आई फ्लू को सही होने में 3-5 दिन लग सकते हैं। किंतु यह एक आंख से दूसरी आंख में फैलने वाला संक्रमण होता है। जिस कारण यदि यह दूसरी आंख में भी फैल जाता है तो इसको सही होने में कुछ समय लग जाता है।

 

 

 

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