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Panipat Tool Taxe आखिर किस वजह से पानीपत टोल टैक्स की समय सीमा को बढ़ाया गया

हरियाणा के पानीपत में यात्रियों को जनवरी 2027 तक देना होगा टोल टैक्स

Panipat Tool Taxe: पानीपत शहर में 2008 में एक ओवर ब्रिज का निर्माण कराया गया था। जिस पर टोल प्लाजा बनाया गया। यह टोल पंजाब की तर्ज पर बना है, जिसको यात्री हटाने की मांग कर रहे हैं। परंतु किसान आंदोलन व कोरोना के कारण इस मांग को खारिज किया गया साथ ही टोल टैक्स की समय सीमा भी बढ़ा दी गई ।
इसी टोल पर 1.5 से 2 लाख प्रति माह टैक्स का भुगतान किया जा रहा है। रोजाना की आमदनी लगभग 30 लाख तक की हो रही है।

टोल टैक्स का क्यों हो रहा है विरोध?

किसान आंदोलन के कारण साल भर टोल बंद रहा। जिसकी वजह से कंपनी ने समय सीमा 1 वर्ष और बढ़वाई। 2026 के बजाय 2027 तक कंपनी शहर में टोल वसूलेगी। परंतु यात्रियों का कहना है कि टोल टैक्स को बंद किया जाए। कंपनी द्वारा बनाए गए ओवरब्रिज के कारण शहरवासियों को जीटी रोड पर लगने वाले जाम का रोजाना सामना करना पड़ता है। स्थानीय वाहन चालकों को आईडी दिखाने के बाद भी टोल कर्मी टोल भुगतान में छूट नहीं देते और साथ ही साथ कानूनी कार्यवाही करने की धमकी भी देते हैं। यही मुख्य कारण है कि रोजाना आने जाने वाले लोग टोल का विरोध कर रहे हैं। l&t कंपनी ने 421.50 करोड़ की लागत पर ओवरब्रिज का निर्माण कराया था । तभी से कंपनी ने टोल टैक्स लेना शुरू किया। Read Also 👉🏽 ‘क्रेच पॉलिसी’ लाने वाला देश का प्रथम राज्य बना

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आखिर क्यों बढ़ाई गई टोल की समय सीमा?

वर्ष 2020 में किसान आंदोलन की वजह से 1 वर्ष तक टोल प्लाज बंद था।स्थानीय लोगों को लगा अब टोल में कुछ राहत मिलेगी। परंतु कंपनी ने टोल प्लाजा ही 1 वर्ष के लिए बंद कर दिया। कोरोना और किसान आंदोलन के दौरान टोल प्लाजा के बंद रहने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए कंपनी द्वारा 1 वर्ष की समय सीमा और बढ़ाए जाने की मांग की गई।देखा जाए तो फिलहाल कंपनी टोल से 8.50 करोड़ रुपए प्रतिमाह कमा रही है। 2027 तक यात्री 357 करोड रुपए तक का और भुगतान करेंगे । शुरू होने से 2027 तक कंपनी अपनी निर्माण लागत का 2.7 गुना (1180) करोड़ वसूल कर चुकी होगी।

ग्रीन बेल्ट क्या है?

जब 2008 में टोल का निर्माण शुरू हुआ तो DTO  कार्यालय के साथ एक सर्विस रोड जाती थी। जो सीधी जीटी रोड से मिलती थी। कुछ लोग जो टोल टैक्स का भुगतान नहीं करना चाहते थे वे उसी सर्विस रोड से बाहर निकल जाया करते थे । कुछ समय बाद रातों-रात रोड पर गड्ढे बना दिए गए। बड़े-बड़े पत्थर रोड पर फैला दिए गए ताकि आने जाने का रास्ता बंद किया जा सके। सर्विस रोड के अलावा लोगों के पास बाहर जाने का अब केवल एक ही विकल्प था जो की टोल प्लाजा था । जब लोगों ने इसका विरोध किया तो सर्विस रोड को ग्रीन बेल्ट में बदल दिया गया । हाल ही में पंजाब सरकार ने कई शहरों से 11 टोल प्लाजा हटाए हैं। इसीलिए अब क्षेत्रवासी राज्य सरकार से टोल बंद करने की मांग कर रहे हैं।। Read Also 👉🏽 Haryana: सरकार ने 7 जिलों की 131 कॉलोनियों पर लिया बड़ा फैसला…

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